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जुलै, २०२५ पासूनच्या पोेस्ट दाखवत आहे

School Memories | स्कूल का सफर, स्कूल की यादे, स्कूल के शिक्षक, स्कूल के दोस्त |

 हेलो दोस्तों, तो दोस्तों आज में आपको मेरे स्कूल जीवन के बारे में बताने वाले हु की कैसे मेरा स्कूल पूर्ण हुवा और क्या चीजे मैंने फेस की तो चलो शुरू करते है|      मैं जब पांचवी कक्षा में था तो मुझसे बहुत दूर से आना जाना पड़ता था | मैं साइकिल से आना-जाना करता था साइकिल से आने-जाने में तकलीफ तो होती थी, लेकिन क्या करे जाने के लिए वही विकल्प था, इसलिए साइकिल चलानी पड़ती थी | हम पहाड़ के पास रहते थे और गाँव निचे की तरफ होने के कारण साइकिल चलाने में तकलीफ होती थी, क्योंकि चढ़ाई चढ़नी पड़ती थी |       हमारे जानवर चरने के लिए पहाड़ी पर जाया करते थे तो जब स्कूल से घर आते थे, तो फिर से पहाड़ी पर जाना पड़ता था ताकि जानवरों को वापस ला सके तो जानवरों को लाने तक शाम हो जाती थी | उसके बाद फिर चार पानी गाय का दूध निकालना यह सब काम होता था| उसके बाद फिर टाइम मिलने के बाद पढ़ाई करने बैठते थे | फिर सुबह उठना फिर स्कूल जाना और फिर यह सब रूटीन फिर से चालू होता था |       हमारा स्कूल का पैटर्न कुछ ऐसा था कि दो डिवीजन थी जो की एक इंग्लिश मीडियम और मराठ...

Childhood Memories | बचपन के दोस्त , बचपन जिगरी दोस्त , बचपन के किस्से , बचपन की यादे |

हेलो दोस्तों,      आज में आपको मेरे लाइफ की स्टोरी बताने वाला हु जहासे मैंने बहुत चीजे अनुभव की और उसमेसे बहुत कुछ सीखने को मिला। तो मेरी जीवन की शुरुवात होती है करीब २५ साल पहले जब मेरा जन्म हुवा।  में एक मिडिल क्लास परिवार से हु जो की गांव से आता है जहापे हर चीज  मिलने में थोड़ी परिशानी हो जाती है या फिर कही बार जो चाहिए शायद से वो ना मिले ।  तो में ५ साल का होने तक तो बचपन में ही गुजर गया तो तब कुछ चीजे समज आती थी और कुछ नहीं । तो ५ साल के बाद जब स्कूल में जाने का वक्त आया तो सब सोचने लगे की अब स्कूल क्या करे क्यूकी ये बड़ा सवाल था | इसका कारण हमारा गांव..       मेरा गांव बहुत दूर था घर से हम खेत में रहते थे और हर रोज छोड़ना और फिर से स्कूल से लेके आना संभव नहीं था क्युकी घर वालो को खेत के काम रहते थे | वो वक्त यैसा था की बहुत बारिश होती थी | ज्यादा तर खेत में गन्ना था और उसे लेके मार्किट को जाना पड़ता था | लेकिन एक बात है की हर चीज का कुछ न कुछ तो हल निकल के आता है |        सब लोग सोचने लगे स्कूल का क्या करे तो सबके स...